म्यूच्यूअल फण्ड क्या है (What is Mutual Fund)
जैसा कि “म्युचुअल” शब्द ही सामान्य समझ के बारे में बता रहा है और म्यूच्यूअल फण्ड स्कीम ऐसे लोगों का समूह है जो अपने वित्तीय लक्ष्य के लिए एक साथ आना चाहते हैं।
यूनिट ट्रस्ट ऑफ इंडिया वर्ष 1963 में भारत में स्थापित पहला म्यूचुअल फंड था। 1990 के दशक की शुरुआत में, सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और संस्थानों को म्यूचुअल फंड स्थापित करने की अनुमति दी थी।
इसके लिए वे एक म्यूचुअल फंड कंपनी की तलाश करते हैं जो कई निवेशकों से पैसा लेती है और स्टॉक, बॉन्ड और शॉर्ट-टर्म डेट जैसी प्रतिभूतियों में पैसा लगाती है और इसे फंड मैनेजर द्वारा पेशेवर रूप से प्रबंधित किया जाता है।
म्युचुअल फंड की संयुक्त होल्डिंग को इसके पोर्टफोलियो के रूप में जाना जाता है। निवेशक म्यूचुअल फंड में शेयर खरीदते हैं। प्रत्येक शेयर फंड में एक निवेशक के हिस्से के स्वामित्व और उससे होने वाली आय का प्रतिनिधित्व करता है।
म्युचुअल फंड की विशेषताएं
• निवेश करना आसान (Easy to invest) :
Mutual Fund में निवेश करने के लिए कुछ सरल कदम होते हैं। पहले, एक अच्छा म्यूचुअल फंड चुनें। वित्तीय लक्ष्य, निवेशकी समयावधि, और उचित निवेश राशि का निर्धारण करें। म्यूचुअल फंड विशेषज्ञ सलाह लें।
दूसरे, Mutual Fund के लिए खाता खोलें। निवेशक संस्था या बैंक से संपर्क करें और पहचान प्रमाणपत्र, पता आदि जैसे आवश्यक दस्तावेज़ प्रस्तुत करें।
तीसरे, निवेश राशि और निवेशकी समयावधि निर्धारित करें। राशि को आपके निवेश लक्ष्य, वित्तीय स्थिति और रिस्क रुचि के आधार पर निर्धारित करें।
• विविधीकरण (Diversification): म्युचुअल फंड आमतौर पर कई कंपनियों और उद्योगों में निवेश करते हैं। यदि एक कंपनी विफल हो जाती है तो यह आपके जोखिम को कम करने में मदद करता है।
“अपने सभी अंडे एक ही टोकरी में न रखें।” Warren Buffett
“Do not put all your eggs in one basket.”-Warren Buffett
• तरलता (Liquidity): म्युचुअल फंड निवेशक किसी भी समय अपने शेयरों को मौजूदा शुद्ध संपत्ति मूल्य (NAV) और किसी भी मोचन शुल्क (redemption fee) के लिए आसानी से भुना सकते हैं।
प्रतिस्पर्धात्मकता (Competitiveness): अधिकांश म्युचुअल फंड प्रारंभिक निवेश और बाद की खरीदारी के लिए अपेक्षाकृत कम INR राशि निर्धारित करते हैं। कोई भी व्यक्ति कुछ मामलों में 500 रुपये से भी कम से निवेश शुरू कर सकता है।
• इनकम टैक्स बेनिफिट्स (Income Tax Benefits) : इक्विटी और डेट फंड्स दोनों के अपने अलग टैक्स बेनिफिट्स हैं। उदाहरण के लिए, जबकि डेट फंड निवेशक लंबी अवधि के पूंजीगत लाभ पर इंडेक्सेशन से लाभान्वित होते हैं, इक्विटी फंड आपको एक वित्तीय वर्ष में 100,000 रुपये तक की छूट प्राप्त रिटर्न अर्जित करने की अनुमति देते हैं, जब तक कि आप 12 महीने या उससे अधिक समय तक निवेशित रहते हैं।
इसके अलावा, ईएलएसएस (इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम) फंड भी हैं, जो आपको एक वर्ष में 1,50,000 रुपये तक निवेश करने और आपकी कर योग्य आय से कटौती करने की अनुमति देते हैं।
न्यूनतम निवेश राशि (Minimum investment amount): म्यूचुअल फंड में निवेश करने के लिए न्यूनतम निवेश राशि निर्धारित होती है। इससे नए और छोटे निवेशकों को भी निवेश करने का मौका मिलता है।
अस्वीकरण (Disclaimer) :
“म्यूचुअल फंड में निवेश करने से पहले, आपको विभिन्न फंडों की रिसर्च करनी चाहिए, उनके निवेश के लक्ष्य और निधि प्रबंधन की प्रक्रिया को समझना चाहिए। इसके अलावा, आपको अपने निवेश गतिविधियों, वित्तीय लक्ष्यों और वित्तीय योजनाओं को मध्यस्थ वित्तीय सलाहकार से चर्चा करनी चाहिए।”
“Before investing in mutual funds, you should conduct research on various funds, understand their investment objectives, and familiarize yourself with the fund management process. Additionally, you should discuss your investment activities, financial goals, and financial plans with an intermediary financial advisor.”
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